सभीके दुखो के तारणहार ,संकट मोचन हनुमानजी सभी देओताओ में श्रेष्ठ मने जाते है ! वेद पुराण ,रामायण जैसे अनेक धार्मिक ग्रंथो में हनुमान जी का वर्णन किया जाता है! हनुमान जी का जन्म नाशिक जिल्हे में स्थित त्रंबकेश्वर के पास अंजनेरी पर्वत पर हुवा था।
हनुमान जी का जन्म स्थल :हनुमान जी के जन्मस्थल से लेकर काफी विविधताएं है और काफी असमंजस है ,अलग अलग ग्रंथो में हनुमान जी का जन्म स्थल अलग अलग बताया है। लेकिन आज हम वाल्मीक रचित रामायण के आधार पर हनुमान जी का जन्म महाराष्ट्र राज्य के नाशिक जिल्हे में त्रंबकेश्वर के पास अंजनेरी पर्वत पर हुवा था। जो हनुमान जी की माता अंजनी के नाम से रखा गया है।
हनुमान जी के जन्म की कहानी :वाल्मीक रामायण के अनुसार सुमेरु पर्वत पर प्रति दिन माता अंजनी पुत्र प्राप्ति के लिए भगवन शिव की तपस्चर्या करती थी ! सुमेरु पर्वत पर अंजनी माता हर रोज की तरह अपनी दिनक्रिया करके तपचर्या कर रही थी तभी पवनदेव उन्हें प्रसन होकर वरदान दिया की तुम्हे सूर्य ,अग्नि ,वायु ,सुवर्ण जैसा तेजस्वी महाबली ,वेदो में परांगत शक्तशाली पुत्र प्राप्त होगा। जो विष्णु के ११ वे अवतार भगवान राम के सहायक बनेंगे ! और अनंत कल सृष्टि का रक्षण करेंगे।
अंजनेरी पर्वत कैसे पहुंचे :अंजनेरी पर्वत नाशिक शहर से ३० किलोमीटर के दुरी पर है। जो सीधे रस्ते पर है। इसीलिए आपको पहले नाशिक आकर अंजनेरी जा सकते है।
रेलवे से आनेवाले अंजनेरी कैसे जा सकते है :
नाशिक रेलवे स्टेशन मुंबई दिल्ली मध्य लाइन पर स्थित है ! उत्तर भारत के और से आनेवाले लोग नासिक रेलवे स्टेशन उतरकर सरकारी बस ,या प्राइवेट कार करके सीधे अंजनेरी आ सकते है।
सड़क मार्ग से अंजनेरी कैसे पहुंचे: जो सड़क मार्ग से अंजनेरी जाना चाहता है ,उसे नासिक होकर अंजनेरी जाना होगा ,नासिक देश के सभी प्रमुख हाइवे से सीधा जुड़ा हुवा है।
अंजनेरी पर्वत पर कहा रुके :अंजनेरी पर्वत एक गांव में स्थित है ,वह रुकने के लिए आपको कोई व्यवस्था नहीं है। लेकिन अंजनेरी से ३ किलोमीटर के दुरी पर त्रंबकेश्वर है। जो १२ ज्योतिर्लिंग में से एक है। वह जाकर आप रुक सकते है। त्रम्बकेश्वर में आपको रुकने के लिए ,काफी विकल्प है। होटल ,लॉगिंग ,धर्मशाला ,शेरिंग हॉल जो आपको आसानी से मिल जाएँगी !
अंजनेरी पर्वत : अंजनेरी पर्वत एक विशाल पर्वत है। आपको इसपर पैदल ही जाना होगा। अंजनेरी पर्वत पर चढ़ने के लिए आपको ३ घंटे का अवकाश लग सकता है।रास्ता काफी चुनौती पूर्वक है ,रास्ता पूरी तरह पेड़ो से घिरा हुवा है। आधे रस्ते तक आप को सड़क मिलेंगी लेकिन आपको पथरीले बड़े बड़े फ़त्तर के बिच के रास्ते से जाना होता है। फत्तर के सीढ़ियों का अंतर कभी कभी २ फिट का हो जाता है। रस्ते में आपको कुछ खान ,पान की चीजे नहीं मिलेंगी आपको साथ में ही पानी का बॉटल ,एनर्जी ड्रिंक ,और खाने का सामान ले जाना है ! और कही मिल भी गया थो काफी महंगा हो सकता है। साथ में आपको काठी की जरुरत पड़ सकती है। कभी कभी धुप काफी तेज होती है ,तो आप टोपी लेकर जरूर जाये।
अंजनेरी पर्वत पर क्या देखे : अंजनेरी पर्वत पर माता अंजनी का मंदिर है ,जहा पर माता अंजनी रहकर तपचर्या करती थी ,और हनुमान जी को जिस गुफाः में जन्म दिया वह हनुमान जी का स्थान है ! इसके अलावा पर्वत पर जिस स्थान से हनुमान ने सूरज को निगलने के लिए छलांग लगाई थी उस पैरो के निशान से तैयार पानी का तालाब आप देख सकते है।
अंजनेरी पर्वत के पास और कहा घूमे :
अंजनेरी पर्वत के पास घूमने के लिए आप ,ब्रम्हगिरी पर्वत ,महादेव त्रम्बकेस्वर मंदिर ,स्वामी समर्थ पीठ प्रति केदारनाथ मंदिर ,पांडवलेनि गुफा ,शुभम वाटर पार्क जा सकते है.
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