Hot Posts

6/recent/ticker-posts

अक्षय तृतीया का त्यौहार 2024 : महत्व ,पूजा विधि,तारिख

अक्षय तृतीया 2024 :  (आखा तीज)भारत में हर साल मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार अक्षय तृतीया है . यह त्यौहार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष को बनाया जाता है. और हर साल यह त्यौहार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मैं महीने में जाता। है इस त्यौहार को भारत में अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से बनाया जाता है. यह त्यौहार शुभ मुहूर्त के सौभाग्य का प्रतिक मानकर मनाया जाता है. तो इस लेख में हम अक्षय तृतीया के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जानेंगे।


अक्षय तृतीया 2024 तिथि और समय मुहूर्त समय 2024 कब है: अक्षय तृतीया 2024 इस साल में यह त्यौहार 10 में शुक्रवार को बनाया जा रहा है यह त्यौहार 10 में को सुबह 4:17 पर शुरू होगा और दूसरे दिन 11 में को सुबह 2:50 पर खत्म होगा।

अक्षय पात्र
महाभारत में जब पांडव निर्वाचन में थे, तो भगवान सूर्य ने उन्हें अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर एक विशेष उपहार दिया था. उसे दिव्य पात्र  या अक्षय पात्र कहा  जाता है क्योंकि, इस पत्र में कभी भी भोजन  खत्म हो नहीं होता था.
वनवास के दौरान एक ऋषि पांडवों से मिलने गए लेकिन द्रोपदी के पास उन्हें देने के लिए भोजन नहीं था. वह असहाय  महसूस करने लगी और उसने भगवान कृष्ण को एक खाली कटोरा दिखाए जिसमें पहले से चावल रखे हुए थे. कृष्ण ने कटोरा से एक चावल का दाना खाया और संतुष्ट हो गए कृष्ण के इस कार्य से सभी प्राणी और सभी ब्रह्मांड के जीव संतुष्ट हो गए जिस बर्तन में यह चमत्कारी भोजन परोसा गया उसे अक्षय पात्र  के नाम से जाना गया और उसी दिन से इस दिन को अक्षय तृतीया कहा गया

अक्षय तृतीया व्रत और अनुष्ठान विधि
अक्षय तृतीया अक्षय तृतीया के दिन सवेरे जल्दी उठकर स्नान कर कर नए वस्त्र पहने हैं और घर में और मंदिर में दीपक जलाना है भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करके इन देवताओं को स्मरण करके अपनी मनोकामनाएं इन देवताओं से मांगनी है. प्रसाद स्वरूप घर में मीठा भोजन और पकवान बनाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसाद अर्पण करना है.
अक्षय तृतीया के दिन कन्यादान का बड़ा महत्व है इस दिन अगर आप अन्नदान करते हैं तो आपके घर में हमेशा वृद्धि होती है.

 त्रेता युग का प्रारंभ: शास्रो के अनुसार देवी दुर्गा और महिषसुर के बिच महयनकर भीषण युद्ध हुवा।  और युद्ध अंत स्वरुप देवी दुर्गा के हातोंसे महिषासुर राक्षस का अंत हुवा था ! पुराणों के अनुसार इसी विजय के बाद त्रेता युग की शुरवात हुई थी इसीलिए जीवन में नए अध्याय की शुरवात स्वरुप नहीं यह त्यौहार मनाया जाता है. 

कृष्ण और सुदामा का मिलन : अक्षय तृतीया का दिन भगवान कॄष्ण और सुदामा का पुनर्मिलन के लिए भी माना जाता है ! इसी दिन सुदामा अपने मित्र भगवान श्रीकृष्ण को मिलने और आर्थिक मदत मांगने गए थे। ऐसा करने के लिए सुदामा की पत्नी ने उन्हें विवश किया था।  भगवान  श्रीकृष्ण ने इसी अक्षय तृतीया के दिन सुदामा को उसकी असाहय जीवन से समृद्ध किया था। इसीलिए समृद्धि का प्रतिक स्वरुप इस त्यौहार को मनाया जाता है। 

अक्षय तृतीया का विधि महत्व :अक्षय तृतीया पुरे भारत में भक्तिभाव ,जोश और विधिपूर्वक मनाया जाता है। इसी दिन भारत भर में मनाये जाने वाली विधि कुछ निन्मलिखित है !

१) सोना खरदीना : ऐसा माना जाता है ,की अक्षय तृतीया के दिन सोना ख़रीदनेसे घर में धन की वृद्धि होती है। और इंसान का जीवन सोने जैसा अमूल्य होकर हमेंशा  चमकता है इस लिए इस दिन अक्षय तृतीया को सोना खरेदी करने का बड़ा महत्व है ! भारत में इसे सोना खरेदी दिन के नाम से भी जानते है ! 

२) शादी का महत्व : इस दिन जिस किसी की शादी होती है उसे बड़ा भाग्यवान कहते है। ऐसा कहा जाता है की अक्षय तृतीया के दिन ही लक्ष्मी नारायण की शादी हुई थी। और भारत में इस मुहर्त को सबसे बड़ा मुहुर्त मानते है। 

३) दान धर्म : कुछ लोग इस दिन कई तरीके से दान करते है। जिसमे भोजन ,कपडे का दान पैसे का दान करते है। इस दिन दान करने से घर में धन की वर्षा होती है ऐसा पुराणों में लिखा है।  

४) पेड़ लगाना :कुछ लोग अक्षय तृतीया के दिन अपनी घर के सामने ,खेत में ,पेड़ लगाते है ,कहते है की अक्षय तृतीया के दिन पेड़ लगाने से उस पेड़ को लगाने वाले फल ज्यादा मात्रा में आते है। महाराष्ट्र ,गुजरात ,मध्य्प्रदेश में अक्षय तृतीया के दिन आम का पेड़ लगते है ! 

५) व्यंजन खाने की शुरवात : महारष्ट्र का प्रमुख व्यंजन है पूरनपोली ,अक्षय तृतीया के दिन से नए साल की शुरवात मनाकर पुराण पोली का व्यंजन बनाते है। और उसके साथ आम का रास बनाते है और इसी दिनसे महाराष्ट्र में आम खानेकी शुरवात करते है। 

अक्षय तृतीया का महत्व पुरे भारत देश में बहुत अधिक है ! जो भी अक्षय तृतीया के दिन पुरे दिलसे उसकी पूजा विधि करता है ,कहते है पुरे सालभर भगवान विष्णु और लक्ष्मी का वास उनके घर में रहेता है। अगर आपको यह  लेखा और जानकारी अछि लगी हो तो आप हमें कमेंट कर बता सकते है। और अगर आपको कुछ सूचना करनी है तो आप हमें संपर्क कर सकते है। 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ